- फल हूं मैं पर स्वादिष्ट कदापि नहीं हूं। चाहूं तो मैं आपकी जान भी ले सकता हूं। - रायफल।
- न तो मेरा मुंह है न दांत ही, पर मैं बुरी तरह काट सकता हूं। - जूता।
- टूट जाने पर ही मैं उपयोग में आता हूं। - नारियल।
- मेरे पास शहर, गांव और कसबे हैं पर घर नहीं, बड़े-बड़े जंगल हैं पर वृक्ष नहीं, नदी, तालाब और समुद्र हैं पर पानी नहीं। क्या हूं मैं? - नक्शा।
- मैं पहाड़ों की चोटी तक जाती हूं और ठेठ नीचे तक चली आती हूं, पर अपनी जगह से नहीं हिलती। - सड़क।
- चोटी भी है और पाद भी पर मैं अचल हूं। - पर्वत।
- मैं किसी दिन काम नहीं करता पर पूरा वेतन पाता हूं। - रात का चौकीदार।
मंगलवार, 12 मई 2009
बूझो तो जानें - 2 : उत्तर
प्रस्तुतकर्ता बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण पर 7:13 pm
लेबल: बूझो तो जानें - उत्तर
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