वन विभाग के साथ काम कर रहे हाथियों को अब पेंशन मिलेगा। जब वे सेवानिवृत्त हो जाएंगे, उन्हें मृत्यु पर्यंत गन्ना, केला, आटा और चारा उपलब्ध कराया जाएगा।
उप अरण्यपाल श्री अतिबल सिंह के अनुसार इससे पहले हाथियों के सेवानिवृत्त होने का कोई उम्र नहीं निश्चित था। वे लगभग 10 साल की उम्र से काम करने लगते थे। पर अब यदि हाथियों की देखरेख से जुड़े किसी भी अधिकारी को लगे कि हाथी कमजोर और बूढ़ा हो गया है और उससे काम करते नहीं बनता, तो वह उसे रिटायर कर सकता है।
नए नियमों में गर्भिणी हथिनियों के लिए दो वर्ष के मेटेर्निटी लीव की व्यवस्था भी की गई है।
सोमवार, 1 जून 2009
हाथियों के लिए पेंशन
प्रस्तुतकर्ता बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण पर 3:23 am
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