शनिवार, 9 मई 2009

कागज का महल

कागज केवल लिखने-पढ़ने के ही काम में नहीं आता, उससे मकान भी बनते हैं। ऐसे-वैसे मकान भी नहीं, बड़े-बड़े महल। रूस में सेंटपीटर्सबर्ग में उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में एक अमीर ने कागज का ऐसा ही एक बड़ा भारी महल बनवाया था। इसमें कागज के सिवा कोई वस्तु नहीं लगी थ। दीवार, छत, दरवाजे, खिड़की, सब कागज के ही थे। इसमें जो मेज-कुर्सियां रखी हुई थीं वे सब भी कागज की ही बनी थीं। इसे न्यू योर्क के एक इंजनियर ने बनाया था। बड़े-बड़े इंजीनियरों ने इस महल को जांचकर बताया कि यह पत्थर के मकान से जरा भी कम मजबूत नहीं है।

3 Comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

mananaa to padega bhai, narayan narayan

पंडितजी said...

ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.

शशांक शुक्ला said...

मेरे लिए कमाल की ख़बर है ये कि कागज का महल कैसे बन सकता है और वो भी मजबूत

 

हिन्दी ब्लॉग टिप्सः तीन कॉलम वाली टेम्पलेट